मनोनीत नगरसेवक की अवैध नियुक्ति मामला पहुचा कोर्ट !
By fast headline india →
मनोनीत नगरसेवक की अवैध नियुक्ति मामला पहुचा कोर्ट !
ठेकेदार,अपराधी प्रवित्ति , चुनाव में हारे लोगो को बनाया गये मनोनीत नगरसेवक ?
उल्हासनगर- उल्हासनगर में भाजपा की सत्तावाली सरकार ने नियम को ताख पर रखकर किये गए मनोनीत नगरसेवकों के चुनाव को गलत ठहराते हुए भाजपा के ही डॉक्टर सेल के अध्यक्ष डॉक्टर कन्हैया घनश्याम नाथानी ने कल्याण के सत्र न्यायालय में न्याय के लिये याचिका दायर की हैं।इस चुनोती भरी याचिका के चलते मनोनीत नगरसेवको में हड़कंप मच गया हैं।
उमपा के पूर्वआयुक्त राजेन्द्र निम्बालकर ने उल्हासनगर में नियुक्त किये जाने वाले नगरसेवक के बारे में शर्त बतायी थी की मनोनीत नगरसेवक वही बन सकते है जो वकील, डॉक्टर ,इंजीनियर , प्रिंसिपल,पत्रकार सीए,आदि पद पर होने चाहिए। पर अचानक उनका टांसफर पनवेल हो गया।नये अनभिग्य आयुक्त डॉक्टर सुधाकर शिंदे ने विरोध नहीं जताया। मनोनीत नगरसेवक के चुनाव के लिए 6 श्रेणी के लोगो को लेना है। परंतु हमेशा की तरह से केवल 6 वी श्रेणी अर्थात संस्था के प्रमाणपत्र के आधार पर 5 मनोनीत नगरसेवक चुने गए। इस चुनांव को अवैध करार करते हुए।कल्याण के सत्र न्यायालय में चुनोती हेतु याचिका दायर की हैं।जिसका दावा नम्बर 13/2017 हैं। डॉक्टर नाथानी का कहना है कि उन्होने सरकारी आदेश की प्रति कल्याण न्यायालय को केस फ़ाइल में लगा कर दिया गया हैं। जब कानून बनाया गया हैं तो उस पर अमल क्यो नहीं किया जा रहा है ? इस मुद्दे को लेकर न्यायालय में गया हूँ। ठेकेदार,अपराधी प्रवित्ति , चुनाव में पराजित लोगो को मनोनीत नगरसेवक बनाना उचित हैं क्या?पिछली बार ऐसे लोगो को चुना गया था। काफी लोग विवाद में थे। दो लोगों की सदस्यता रद्द हो गयी थी। इस बार भी ऐसा होने की संभावना को देख मनोनीत नगरसेवको में भगदड़ मच गयीं हैं। कुछ लोग केस निकालने के लिए पटाऊ नीति में लग गए है।
ठेकेदार,अपराधी प्रवित्ति , चुनाव में हारे लोगो को बनाया गये मनोनीत नगरसेवक ?
उल्हासनगर- उल्हासनगर में भाजपा की सत्तावाली सरकार ने नियम को ताख पर रखकर किये गए मनोनीत नगरसेवकों के चुनाव को गलत ठहराते हुए भाजपा के ही डॉक्टर सेल के अध्यक्ष डॉक्टर कन्हैया घनश्याम नाथानी ने कल्याण के सत्र न्यायालय में न्याय के लिये याचिका दायर की हैं।इस चुनोती भरी याचिका के चलते मनोनीत नगरसेवको में हड़कंप मच गया हैं।
उमपा के पूर्वआयुक्त राजेन्द्र निम्बालकर ने उल्हासनगर में नियुक्त किये जाने वाले नगरसेवक के बारे में शर्त बतायी थी की मनोनीत नगरसेवक वही बन सकते है जो वकील, डॉक्टर ,इंजीनियर , प्रिंसिपल,पत्रकार सीए,आदि पद पर होने चाहिए। पर अचानक उनका टांसफर पनवेल हो गया।नये अनभिग्य आयुक्त डॉक्टर सुधाकर शिंदे ने विरोध नहीं जताया। मनोनीत नगरसेवक के चुनाव के लिए 6 श्रेणी के लोगो को लेना है। परंतु हमेशा की तरह से केवल 6 वी श्रेणी अर्थात संस्था के प्रमाणपत्र के आधार पर 5 मनोनीत नगरसेवक चुने गए। इस चुनांव को अवैध करार करते हुए।कल्याण के सत्र न्यायालय में चुनोती हेतु याचिका दायर की हैं।जिसका दावा नम्बर 13/2017 हैं। डॉक्टर नाथानी का कहना है कि उन्होने सरकारी आदेश की प्रति कल्याण न्यायालय को केस फ़ाइल में लगा कर दिया गया हैं। जब कानून बनाया गया हैं तो उस पर अमल क्यो नहीं किया जा रहा है ? इस मुद्दे को लेकर न्यायालय में गया हूँ। ठेकेदार,अपराधी प्रवित्ति , चुनाव में पराजित लोगो को मनोनीत नगरसेवक बनाना उचित हैं क्या?पिछली बार ऐसे लोगो को चुना गया था। काफी लोग विवाद में थे। दो लोगों की सदस्यता रद्द हो गयी थी। इस बार भी ऐसा होने की संभावना को देख मनोनीत नगरसेवको में भगदड़ मच गयीं हैं। कुछ लोग केस निकालने के लिए पटाऊ नीति में लग गए है।