महापौर, उप महापौर, सभागृह नेता समेत 6 नगरसेवको क्या होगा पद रद्द ?
By fast headline india →
महापौर, उप महापौर, सभागृह नेता समेत 6 नगरसेवको क्या होगा पद रद्द ?
उमपा की महासभा इन सभी ने खुलकर किया अवैध निर्माणों को सरंक्षण देने की बात !
मनपा आयुक्त ने महापौर के अवैध निर्माण कार्यवाई न करने के आदेश को किया अमान्य !
उल्हासनगर- मंगलवार को मनपा महासभा में महापौर सभागृह नेता समेत सत्ताधारी कई नगरसेवकों ने केबी रोड पर बने अबैध निर्माणों के खिलाफ प्रशासन द्वारा की जाने वाली तोड़ू कार्यवाही को संरक्ष्ण देकर रोकने की बात कहकर अबैध निर्माणों को खुल्ला बढ़ावा देने की आवाज उठाकर वर्ष 2005 में 855 अबैध निर्माणों के सुनवाई में मुंबई हाई कोर्ट के आदेश को नजर अंदाज किया है।जबकि अदालत ने उल्हासनगर में कोई भी नया अबैध निर्माण नही किये जाने का आदेश दिया था। जिसके बाद भी शहर में हजारों अबैध निर्माण बनाये जा चुके है। मनपा महासभा में महापौर और सत्ताधारी नगरसेवकों द्वारा अबैध निर्माण को बचाने का मुद्दा उठाकर अबैध निर्माणों को राजनीतिक संरक्षण देकर बनवाने का उदाहरण सामने लाया है।
जो मामला शहर में चर्चा का विषय बन गया है। वही आयुक्त ने कहा की महापौर आपके इस आदेश को अमान्य करते है। गौरकरने की बात है गत 15 दिन पूर्व मनपा आयुक्त द्वारा केबी रोड के शिवाजी चौक स्थित अबैध निर्माण की तोड़ू कार्यवाही का शिवसेना शहर प्रमुख नजसेवक राजेन्द्र चौधरी ने विरोध किया था । और आयुक्त कार्यालय में जमकर हंगामा किया था। आयुक्त निम्बालकर ने प्रशासन के कार्य मे बांधा उत्पन्न करने के साथ अबैध निर्माण बचाने को लेकर चौधरी को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया था। चौधरी द्वारा आयुक्त को लिखित नोटिस का जवाब भी दिये जिस जवाब से आयुक्त संतुष्ट नही हो सके है। वही मंगलवार को मनपा महासभा में महापौर मीना कुमार आयलानी ने केबी रोड के अबैध निर्माणों को तोड़ने से रोकने का आयुक्त निम्बालकर को आदेश दिया। जिसपर आयुक्त ने अबैध निर्माण से जुड़ा मुद्दा प्रशासन का विषय होने की बात कही न की सदन का विषय है। अबैध निर्माण मामले में दो कानून नही बन सकता है की किसी का प्रशासन तोड़ेगा और किसी का नही तोड़ेगा। साथ मे आयुक्त ने कहा की सदन के सदस्यों के चर्चा के तहत प्रशासन तोड़ू कार्यवाही रोक देगी परन्तु शहर में एक भी इट नही गिरेगा इसकी जवाबदारी कौन लेगा।ध्यान देने की बात है की सदन में मनपा महापौर के अलावा सभागृह नेता जमुनादास पुरुषवानी।नगरसेवक प्रदीप रामचंदानी। टोनी सिरवानी उप महापौर जीवन इदनानी मे अबैध निर्माण तोड़ने का विरोध जताकर आयुक्त पर सदन में दबाव बनाकर अबैध निर्माणों को संरक्ष्ण देते नजर आये। जिसे लेकर आयुक्त द्वारा शिवसेना नगरसेवक राजेन्द्र चौधरी को अबैध निर्माण तोड़ने से रोकने को दिया गया नोटिस पर प्रश्नचिन्ह लग गया है। ऐसे में सदन में अबैध निर्माणों को तोड़ने से रोकने का महापौर द्वारा आदेश देने को लेकर व अन्य नगरसेवकों द्वारा अबैध निर्माण को तोड़ने से बचाने की सदन में किये गए चर्चा व प्रशासन पर बनाये जाने वाले दबाव मामले में क्या आयुक्त उक्त नगरसेवकों व महापौर को भी कारण बताओ नोटिस देंगे क्या। जिंसको लेकर चर्चा का विषय बन गया है। वही उक्त विषय पर मनपा आयुक्त ने पत्रकारों को बताया की शिवसेना नगरसेवक राजेन्द्र चौधरी ने प्रशासन द्वारा की जारही तोड़ू कार्यवाही का विरोध कर मनपा आयुक्त कार्यालय में अबैध निर्माण को बचाने के लिए हंगामा किया था। जिसके तहत उनको नोटिस जारी किया गया है। जबकी सदन में सदन सदस्य मुद्दे के तहत अपना पक्ष रख सकते है। जो अलग विषय है। बता दे की वही मनपा सदन में शिवसेना नगरसेवक अरुण आशान ने सदन में कहा की उल्हासनगर में बन रहे अबैध निर्माण मामले में निर्माण करने वालो के साथ मनपा प्रशासन के अधिकारी भी जिम्मेदार है।उनके खिलाफ भी एमआरटीपी एक्ट के तहत कार्यवाही होनी चाहिए। बता दे की वही जब मनपा आयुक्त राजेन्द्र निम्बालकर से बात किया गया तो उन्होंने कहा की अबैध निर्माणों के खिलाफ प्रशासन तोड़ू कार्यवाही जारी रखेगा। जिस मामले में प्रशासन कोई भी समझौता नही करेगा।
उमपा की महासभा इन सभी ने खुलकर किया अवैध निर्माणों को सरंक्षण देने की बात !
मनपा आयुक्त ने महापौर के अवैध निर्माण कार्यवाई न करने के आदेश को किया अमान्य !
उल्हासनगर- मंगलवार को मनपा महासभा में महापौर सभागृह नेता समेत सत्ताधारी कई नगरसेवकों ने केबी रोड पर बने अबैध निर्माणों के खिलाफ प्रशासन द्वारा की जाने वाली तोड़ू कार्यवाही को संरक्ष्ण देकर रोकने की बात कहकर अबैध निर्माणों को खुल्ला बढ़ावा देने की आवाज उठाकर वर्ष 2005 में 855 अबैध निर्माणों के सुनवाई में मुंबई हाई कोर्ट के आदेश को नजर अंदाज किया है।जबकि अदालत ने उल्हासनगर में कोई भी नया अबैध निर्माण नही किये जाने का आदेश दिया था। जिसके बाद भी शहर में हजारों अबैध निर्माण बनाये जा चुके है। मनपा महासभा में महापौर और सत्ताधारी नगरसेवकों द्वारा अबैध निर्माण को बचाने का मुद्दा उठाकर अबैध निर्माणों को राजनीतिक संरक्षण देकर बनवाने का उदाहरण सामने लाया है।
जो मामला शहर में चर्चा का विषय बन गया है। वही आयुक्त ने कहा की महापौर आपके इस आदेश को अमान्य करते है। गौरकरने की बात है गत 15 दिन पूर्व मनपा आयुक्त द्वारा केबी रोड के शिवाजी चौक स्थित अबैध निर्माण की तोड़ू कार्यवाही का शिवसेना शहर प्रमुख नजसेवक राजेन्द्र चौधरी ने विरोध किया था । और आयुक्त कार्यालय में जमकर हंगामा किया था। आयुक्त निम्बालकर ने प्रशासन के कार्य मे बांधा उत्पन्न करने के साथ अबैध निर्माण बचाने को लेकर चौधरी को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया था। चौधरी द्वारा आयुक्त को लिखित नोटिस का जवाब भी दिये जिस जवाब से आयुक्त संतुष्ट नही हो सके है। वही मंगलवार को मनपा महासभा में महापौर मीना कुमार आयलानी ने केबी रोड के अबैध निर्माणों को तोड़ने से रोकने का आयुक्त निम्बालकर को आदेश दिया। जिसपर आयुक्त ने अबैध निर्माण से जुड़ा मुद्दा प्रशासन का विषय होने की बात कही न की सदन का विषय है। अबैध निर्माण मामले में दो कानून नही बन सकता है की किसी का प्रशासन तोड़ेगा और किसी का नही तोड़ेगा। साथ मे आयुक्त ने कहा की सदन के सदस्यों के चर्चा के तहत प्रशासन तोड़ू कार्यवाही रोक देगी परन्तु शहर में एक भी इट नही गिरेगा इसकी जवाबदारी कौन लेगा।ध्यान देने की बात है की सदन में मनपा महापौर के अलावा सभागृह नेता जमुनादास पुरुषवानी।नगरसेवक प्रदीप रामचंदानी। टोनी सिरवानी उप महापौर जीवन इदनानी मे अबैध निर्माण तोड़ने का विरोध जताकर आयुक्त पर सदन में दबाव बनाकर अबैध निर्माणों को संरक्ष्ण देते नजर आये। जिसे लेकर आयुक्त द्वारा शिवसेना नगरसेवक राजेन्द्र चौधरी को अबैध निर्माण तोड़ने से रोकने को दिया गया नोटिस पर प्रश्नचिन्ह लग गया है। ऐसे में सदन में अबैध निर्माणों को तोड़ने से रोकने का महापौर द्वारा आदेश देने को लेकर व अन्य नगरसेवकों द्वारा अबैध निर्माण को तोड़ने से बचाने की सदन में किये गए चर्चा व प्रशासन पर बनाये जाने वाले दबाव मामले में क्या आयुक्त उक्त नगरसेवकों व महापौर को भी कारण बताओ नोटिस देंगे क्या। जिंसको लेकर चर्चा का विषय बन गया है। वही उक्त विषय पर मनपा आयुक्त ने पत्रकारों को बताया की शिवसेना नगरसेवक राजेन्द्र चौधरी ने प्रशासन द्वारा की जारही तोड़ू कार्यवाही का विरोध कर मनपा आयुक्त कार्यालय में अबैध निर्माण को बचाने के लिए हंगामा किया था। जिसके तहत उनको नोटिस जारी किया गया है। जबकी सदन में सदन सदस्य मुद्दे के तहत अपना पक्ष रख सकते है। जो अलग विषय है। बता दे की वही मनपा सदन में शिवसेना नगरसेवक अरुण आशान ने सदन में कहा की उल्हासनगर में बन रहे अबैध निर्माण मामले में निर्माण करने वालो के साथ मनपा प्रशासन के अधिकारी भी जिम्मेदार है।उनके खिलाफ भी एमआरटीपी एक्ट के तहत कार्यवाही होनी चाहिए। बता दे की वही जब मनपा आयुक्त राजेन्द्र निम्बालकर से बात किया गया तो उन्होंने कहा की अबैध निर्माणों के खिलाफ प्रशासन तोड़ू कार्यवाही जारी रखेगा। जिस मामले में प्रशासन कोई भी समझौता नही करेगा।