फर्जी सनद के मामले का खुलासा करने वाला दुसेजा पर लगा फ्राड करने आरोप ! करोड़ो रूपये की जमीन हड़पने के मामले का हुआ पर्दाफाश !
By fast headline india →
फर्जी सनद के मामले का खुलासा करने वाला दुसेजा पर लगा फ्राड करने आरोप !
50 वाल की जगह को 3 हजार वाल बनाने का रहस्य का हुआ पर्दाफाश !
परिवार के लोग व भांजे और बिल्डर की मिली भगत हुआ फर्जीवाड़ा का हुआ आर टी आई से खुलासा !
उल्हासनगर-उल्हासनगर शहर में कुछ दिनों पहले फर्जी सनद के मामले सनसनीखेज खुलासा करने वाले मोदी सोनू दुसेजा (लकड़ी) उसी मामले में खुद फ्राड करने का मामला सामने आया है,50 वाल की जगह को 3 हजार वाल बनाने का रहस्य का हुआ पर्दाफाश !
आर,टी,आई कार्यकर्ता को मिले दस्तावेज के अनुसार उल्हासनगर शहर के निवासी धनुमल हरपाल दास चांदवानी ने 13 मार्च 1989 में एस डी ओ को लिखित पत्र दिया था जिसमें लिखा गया था कि मेरे पास 49 वाल जगह से एक इंच ज्यादा जगह नही है, उसके कुछ सालों बाद धनुमल चांदवानी 17 दिसम्बर 1996 मृत्यु हो गई थी परंतु 2005 में मृतक धनुमल चांदवानी के परिवार के लोग उनका भांजा मोती सोनू दुसेजा (लकड़ी) और बिल्डर ग्रीस बजाज व सुंदर बजाज इन लोगो की मिलीभगत से मृतक धनुमल को जिंदा बताकर करोड़ो की जमीन हड़पने का षणयंत्र करने का मामला सामने आया है इस काम को करने में गोदावरी वासुमल चांदवानी, मोहन वासुमल चांदवानी, सुनील,श्यामला,रमेश,ज्ञानचंद,राम मोती,राम अहूजा, राजकुमारी गुरुमुख दास दुसेजा, सोनू मोती दुसेजा की माँ, लक्ष्मी धनुमल चांदवानी, गुलाब चांदवानी, इनके अलावा इसमें वर्तमान की एस डी ओ विजया जाधव जो बाद में एंटीकरप्शन ने रिश्वत लेते पकड़ा इन सब की मिलीभगत से ये सारा कारनामा हुआ है ऐसा आर टी आई के द्वारा मिले पेपर से सामने आया है !परंतु बाद में किन्ही कारणों के चलते मोती दुसेजा इससे दूर कर दिया गया इस पर बौखलाए दुसेजा (लकड़ी) ने इस मामले की लिखित शिकायत मंत्रालय के मदत व पुनर्वसन विभाग के अपर सचिव के पास किया जिस पत्र पर कार्यवाई करते हुए सचिव ने 12 अक्टूबर2010 को स्थगन आदेश दिया था परंतु आदेश आने के बाद दुसेजा ने इस मामले में सामने के लोगो से एक समझौते के तहत हाथ मिला लिया इसके बदले जमीन से मिलने वाली मोटी रकम पर मंडावली हो गई बाद में इसी जगह की सनद इनलोगो मिल जाता है ! जब ये मामला आर टी आई के जरिये सामने आया तो आर टी आई कार्यकर्ता ने इसकी शिकायत फिर से मन्त्रालय के मदत व पुनर्वसन विभाग के अपर मुख्य सचिव मेघा गाडगिल से किया जिस पर मामले को संज्ञान लेते हुए सचिव ने 6 अक्टूबर2017 को स्थगन आदेश दिया जिसमें लिखा कि इस मामले में यह स्पष्ट हो रहा है कि मृतक ब्यक्ति जिंदा करने का मामला दिख रहा है इस लिए इस मामले की जांच हो और जो भी दोषी मिले उसपर कार्यवाई करने को कहा है !वही इस विषय में नगर भू मापन विभाग ने स्पष्ट किया है चालता नम्बर 223,223 A 226,226A इसमें कभी कोई सुनवानी नही किया गया है,इन सारे तथ्यों को देखते हुए यह समझ में आ रहा है कि सनसनीखेज खुलासा करने वाला मोती दुसेजा (लकड़ी) ने खुद का फ्राड छुपाने के लिए जो सहारा लिए अब वही उनके लिए मुसीबत बनना तय है , इसमें सबसे चौकाने वाली बात है कि मृतक धनुमल का पत्र है यदि इनकी कुल जमीन 50 वाल थी तब वही जमीन 3 हजार वाल कैसी हो गई ? 2 हजार 9 सौ 50वाल की जगह आई कहा से इसका भी जांच होना चाहिए !बहरहाल इस पूरे मामले में मंत्रालय ने स्टे दिया हुआ है !
50 वाल की जगह को 3 हजार वाल बनाने का रहस्य का हुआ पर्दाफाश !
परिवार के लोग व भांजे और बिल्डर की मिली भगत हुआ फर्जीवाड़ा का हुआ आर टी आई से खुलासा !
उल्हासनगर-उल्हासनगर शहर में कुछ दिनों पहले फर्जी सनद के मामले सनसनीखेज खुलासा करने वाले मोदी सोनू दुसेजा (लकड़ी) उसी मामले में खुद फ्राड करने का मामला सामने आया है,50 वाल की जगह को 3 हजार वाल बनाने का रहस्य का हुआ पर्दाफाश !
आर,टी,आई कार्यकर्ता को मिले दस्तावेज के अनुसार उल्हासनगर शहर के निवासी धनुमल हरपाल दास चांदवानी ने 13 मार्च 1989 में एस डी ओ को लिखित पत्र दिया था जिसमें लिखा गया था कि मेरे पास 49 वाल जगह से एक इंच ज्यादा जगह नही है, उसके कुछ सालों बाद धनुमल चांदवानी 17 दिसम्बर 1996 मृत्यु हो गई थी परंतु 2005 में मृतक धनुमल चांदवानी के परिवार के लोग उनका भांजा मोती सोनू दुसेजा (लकड़ी) और बिल्डर ग्रीस बजाज व सुंदर बजाज इन लोगो की मिलीभगत से मृतक धनुमल को जिंदा बताकर करोड़ो की जमीन हड़पने का षणयंत्र करने का मामला सामने आया है इस काम को करने में गोदावरी वासुमल चांदवानी, मोहन वासुमल चांदवानी, सुनील,श्यामला,रमेश,ज्ञानचंद,राम मोती,राम अहूजा, राजकुमारी गुरुमुख दास दुसेजा, सोनू मोती दुसेजा की माँ, लक्ष्मी धनुमल चांदवानी, गुलाब चांदवानी, इनके अलावा इसमें वर्तमान की एस डी ओ विजया जाधव जो बाद में एंटीकरप्शन ने रिश्वत लेते पकड़ा इन सब की मिलीभगत से ये सारा कारनामा हुआ है ऐसा आर टी आई के द्वारा मिले पेपर से सामने आया है !परंतु बाद में किन्ही कारणों के चलते मोती दुसेजा इससे दूर कर दिया गया इस पर बौखलाए दुसेजा (लकड़ी) ने इस मामले की लिखित शिकायत मंत्रालय के मदत व पुनर्वसन विभाग के अपर सचिव के पास किया जिस पत्र पर कार्यवाई करते हुए सचिव ने 12 अक्टूबर2010 को स्थगन आदेश दिया था परंतु आदेश आने के बाद दुसेजा ने इस मामले में सामने के लोगो से एक समझौते के तहत हाथ मिला लिया इसके बदले जमीन से मिलने वाली मोटी रकम पर मंडावली हो गई बाद में इसी जगह की सनद इनलोगो मिल जाता है ! जब ये मामला आर टी आई के जरिये सामने आया तो आर टी आई कार्यकर्ता ने इसकी शिकायत फिर से मन्त्रालय के मदत व पुनर्वसन विभाग के अपर मुख्य सचिव मेघा गाडगिल से किया जिस पर मामले को संज्ञान लेते हुए सचिव ने 6 अक्टूबर2017 को स्थगन आदेश दिया जिसमें लिखा कि इस मामले में यह स्पष्ट हो रहा है कि मृतक ब्यक्ति जिंदा करने का मामला दिख रहा है इस लिए इस मामले की जांच हो और जो भी दोषी मिले उसपर कार्यवाई करने को कहा है !वही इस विषय में नगर भू मापन विभाग ने स्पष्ट किया है चालता नम्बर 223,223 A 226,226A इसमें कभी कोई सुनवानी नही किया गया है,इन सारे तथ्यों को देखते हुए यह समझ में आ रहा है कि सनसनीखेज खुलासा करने वाला मोती दुसेजा (लकड़ी) ने खुद का फ्राड छुपाने के लिए जो सहारा लिए अब वही उनके लिए मुसीबत बनना तय है , इसमें सबसे चौकाने वाली बात है कि मृतक धनुमल का पत्र है यदि इनकी कुल जमीन 50 वाल थी तब वही जमीन 3 हजार वाल कैसी हो गई ? 2 हजार 9 सौ 50वाल की जगह आई कहा से इसका भी जांच होना चाहिए !बहरहाल इस पूरे मामले में मंत्रालय ने स्टे दिया हुआ है !