उमपा मालमत्ता विभाग में भ्रष्ट्राचार का भस्मासूर ?
By fast headline india →
उमपा मालमत्ता विभाग में भ्रष्ट्राचार का भस्मासूर ?
नगररचना विभाग,सार्वजनिक बांधकाम विभाग और मालमत्ता विभाग भस्मासूर की गिरफ्त में !
उल्हासनगर - उल्हासनगर महापालिका में कुछ विभाग भ्रष्ट्राचार का अड्डा बन चुके है. ऐसे ही एक विभाग में कुछ लोग एक ही जगह पर सर्प की तरह कुंडली मारकर बैठे हुए है यही लोग है भ्रष्ट्राचार की जड़ है. इससे पहले यह जकात खाते में भ्रष्ट्राचार हो रहा था, परन्तु उसे बाद में एक ठेकेदारा को ठेके पर दे दिया गया और कुछ समय पूर्व जकात बंद हो गया. जिसके बाद यह भ्रष्ट्राचार के भस्मासूर ने नगर रचना विभाग,सार्वजनिक बांधकाम विभाग और मालमत्ता विभाग को पूरी तरह से अपनी गिरफ्त में ले लिया है .
आज जिस विषय पर हम सब का ध्यान केंद्रित करना चाहते हूं उनमें मालमत्ता विभाग है इस विभाग में जो भ्रष्ट्राचार सुरू है, अगर इस विभाग के भ्रष्ट्राचार के तहखाने उजागर हुए तो पूरे शहर में हाहाकार मच जाएगा.आयुक्त सिर्फ मालमत्ता बकाये दारो वसुली के लिए विभिन्न प्रकार के तरीके अपनाने के साथ मालमत्ता सील करने की कार्यवाही भी की जा रही है, परन्तु इन विभागों के भ्रष्ट्राचार पर उनके जरिये कोई ठोस कार्यवाई देखने नही मिलता है यही कारण है अभी भ्रष्ट्राचार का भस्मासूर अभी अपना का बदस्तूर जारी रखे हुए है. शासकिय भूखंड पर भूमाफिया और लोकप्रतिनिधींओ की मिलीभगत से बने अतिक्रमण की वजह से महापालिका के महसुल डूबा कर हर महीने के लाखों रुपये कमाने वाले अवैध पार्किंगवालो पर अपनी वक्रदृष्टी क्यो नहीं डाल रहे है यह एक बड़ा सवाल है ? महापालिका के मार्केट की वसुली कई सालों से क्यो नही हो रही है ? स्कुटर पार्किंग वालो पर मेहरबान कौन ? हाॅकर्स से पैसे कौन वसुल करता है ? महापालिका समाज मंदिरो में कौन कौन से धंदे चल रहे है ? उसका निजी व ब्यवसायिक इस्तेमाल कौन कर रहा है ? ये समाज मंदिरं किधर है ? इसकी नोंद न करते हुए इसको इस्तेमाल करने को कौन दे रहा है ? इसके पीछे किसका हाथ है ? इन सभी प्रश्नों का उत्तरं महापालिका प्रशासना को ही देना होगा ? उल्हासनगर कॅम्प नं.5 में सार्वजनिक बांधकाम विभाग का विश्रामगृह है .जिसका समय पर देखरेख नही किया गया जिसकी वजह से उसकी हाल विकृत हो गई और विश्रामगृह अब , बेवडे,गरदुल्ले इनकाअड्डा बन गया है. इस विश्रामगृह की 9 एकड़ जगह है . इस भुखंड को सार्वजनिक बांधकाम विभाग से महापालिका को देने का प्रस्ताव मंजुर किया गया है.परंतु मालमत्ता विभाग ने अभी तक इसका पाठ पुरावा किया ही नही. बता दे कि इस जगह को हड़पने के लिए कुछ भूमाफिया की गिद्ध रूपी नजर गड़ी हुई है जो मौके की तलाश में है ! उल्हासनगर शहर के बीचो बीच में यह इतना बड़ा भूखंड उपलब्ध होने के बादजूद महापालिका प्रसाशन की लापरवाही की वजह से अभी तक मिल नहीं सका है . इस जगह पर महापौर निवास और आयुक्त निवास बन सकता है . पिछले कई वर्षों की मालमत्ता विभाग ने जमा किये पैसो की पावती पुस्तक किसके पास है ? उसको किसने गायब किया ? कौन है जो पावती पुस्तक, व रजिस्टर को गायब करके मनपा को करोड़ो का चुना लगा कर अपनी जेबें भरने वाला कर्मचारी ? पिछले 6 सालो से अनगिन पावती पुस्तक और रजिस्टर गायब है. जिसमें करोड़ो रुपयों की वसूली का अंदेशा है ? बड़ी बात यह है कि इस विषय पर न तो कभी सत्ताधारी और न तो विरोधी पक्ष ने आवाज उठाई है.प्रशासन भी इस विषय चुप्पी साधे हुआ है, वही इस बारे में जब मनपा आयुक्त राजेंद्र निबालकर से बात किया गया तो उन्होंने कहा कि मामले की जानकारी मुझे नही है इस लिए अभी इस संदर्भ में मै कुछ कह नहीं सकता हु बहरहाल मामला गंभीर है मै पूरे मामले की जांच करने की बात कही है,इस विषय में जब मालमत्ता विभाग प्रमुख विशाखा सावंत से पूछा गया कि पावती पुस्तक गायब है क्या तो उन्होंने बताया कि कुछ पुस्तके ग़ायब थी जिसमें से कुछ पुस्तके मिल गई है आफिस के नुतनिकरण के काम में पावती पुस्तक इधर उधर हुई है जल्द ही वो पस्तके भी मिल जाएगी , इन बातों से ये बात समक्ष आ रही है कि कही कही तो भ्रष्ट्राचार का भस्मासूर ने मनपा की जड़ो को पकड़ रखा हैं, इस पर प्रसाशन को ठोस कार्यवाई करनी पड़ेगी तभी इस तरह के भ्रष्ट्राचार भस्मासूरो से मनपा को मुक्ति मिलेगी !
नगररचना विभाग,सार्वजनिक बांधकाम विभाग और मालमत्ता विभाग भस्मासूर की गिरफ्त में !
उल्हासनगर - उल्हासनगर महापालिका में कुछ विभाग भ्रष्ट्राचार का अड्डा बन चुके है. ऐसे ही एक विभाग में कुछ लोग एक ही जगह पर सर्प की तरह कुंडली मारकर बैठे हुए है यही लोग है भ्रष्ट्राचार की जड़ है. इससे पहले यह जकात खाते में भ्रष्ट्राचार हो रहा था, परन्तु उसे बाद में एक ठेकेदारा को ठेके पर दे दिया गया और कुछ समय पूर्व जकात बंद हो गया. जिसके बाद यह भ्रष्ट्राचार के भस्मासूर ने नगर रचना विभाग,सार्वजनिक बांधकाम विभाग और मालमत्ता विभाग को पूरी तरह से अपनी गिरफ्त में ले लिया है .
आज जिस विषय पर हम सब का ध्यान केंद्रित करना चाहते हूं उनमें मालमत्ता विभाग है इस विभाग में जो भ्रष्ट्राचार सुरू है, अगर इस विभाग के भ्रष्ट्राचार के तहखाने उजागर हुए तो पूरे शहर में हाहाकार मच जाएगा.आयुक्त सिर्फ मालमत्ता बकाये दारो वसुली के लिए विभिन्न प्रकार के तरीके अपनाने के साथ मालमत्ता सील करने की कार्यवाही भी की जा रही है, परन्तु इन विभागों के भ्रष्ट्राचार पर उनके जरिये कोई ठोस कार्यवाई देखने नही मिलता है यही कारण है अभी भ्रष्ट्राचार का भस्मासूर अभी अपना का बदस्तूर जारी रखे हुए है. शासकिय भूखंड पर भूमाफिया और लोकप्रतिनिधींओ की मिलीभगत से बने अतिक्रमण की वजह से महापालिका के महसुल डूबा कर हर महीने के लाखों रुपये कमाने वाले अवैध पार्किंगवालो पर अपनी वक्रदृष्टी क्यो नहीं डाल रहे है यह एक बड़ा सवाल है ? महापालिका के मार्केट की वसुली कई सालों से क्यो नही हो रही है ? स्कुटर पार्किंग वालो पर मेहरबान कौन ? हाॅकर्स से पैसे कौन वसुल करता है ? महापालिका समाज मंदिरो में कौन कौन से धंदे चल रहे है ? उसका निजी व ब्यवसायिक इस्तेमाल कौन कर रहा है ? ये समाज मंदिरं किधर है ? इसकी नोंद न करते हुए इसको इस्तेमाल करने को कौन दे रहा है ? इसके पीछे किसका हाथ है ? इन सभी प्रश्नों का उत्तरं महापालिका प्रशासना को ही देना होगा ? उल्हासनगर कॅम्प नं.5 में सार्वजनिक बांधकाम विभाग का विश्रामगृह है .जिसका समय पर देखरेख नही किया गया जिसकी वजह से उसकी हाल विकृत हो गई और विश्रामगृह अब , बेवडे,गरदुल्ले इनकाअड्डा बन गया है. इस विश्रामगृह की 9 एकड़ जगह है . इस भुखंड को सार्वजनिक बांधकाम विभाग से महापालिका को देने का प्रस्ताव मंजुर किया गया है.परंतु मालमत्ता विभाग ने अभी तक इसका पाठ पुरावा किया ही नही. बता दे कि इस जगह को हड़पने के लिए कुछ भूमाफिया की गिद्ध रूपी नजर गड़ी हुई है जो मौके की तलाश में है ! उल्हासनगर शहर के बीचो बीच में यह इतना बड़ा भूखंड उपलब्ध होने के बादजूद महापालिका प्रसाशन की लापरवाही की वजह से अभी तक मिल नहीं सका है . इस जगह पर महापौर निवास और आयुक्त निवास बन सकता है . पिछले कई वर्षों की मालमत्ता विभाग ने जमा किये पैसो की पावती पुस्तक किसके पास है ? उसको किसने गायब किया ? कौन है जो पावती पुस्तक, व रजिस्टर को गायब करके मनपा को करोड़ो का चुना लगा कर अपनी जेबें भरने वाला कर्मचारी ? पिछले 6 सालो से अनगिन पावती पुस्तक और रजिस्टर गायब है. जिसमें करोड़ो रुपयों की वसूली का अंदेशा है ? बड़ी बात यह है कि इस विषय पर न तो कभी सत्ताधारी और न तो विरोधी पक्ष ने आवाज उठाई है.प्रशासन भी इस विषय चुप्पी साधे हुआ है, वही इस बारे में जब मनपा आयुक्त राजेंद्र निबालकर से बात किया गया तो उन्होंने कहा कि मामले की जानकारी मुझे नही है इस लिए अभी इस संदर्भ में मै कुछ कह नहीं सकता हु बहरहाल मामला गंभीर है मै पूरे मामले की जांच करने की बात कही है,इस विषय में जब मालमत्ता विभाग प्रमुख विशाखा सावंत से पूछा गया कि पावती पुस्तक गायब है क्या तो उन्होंने बताया कि कुछ पुस्तके ग़ायब थी जिसमें से कुछ पुस्तके मिल गई है आफिस के नुतनिकरण के काम में पावती पुस्तक इधर उधर हुई है जल्द ही वो पस्तके भी मिल जाएगी , इन बातों से ये बात समक्ष आ रही है कि कही कही तो भ्रष्ट्राचार का भस्मासूर ने मनपा की जड़ो को पकड़ रखा हैं, इस पर प्रसाशन को ठोस कार्यवाई करनी पड़ेगी तभी इस तरह के भ्रष्ट्राचार भस्मासूरो से मनपा को मुक्ति मिलेगी !